एक बंगाली ने गालिब के पाँव पकड़
लिए और गुजारिश करने लगा कि, दादा होम भी शायरी सिखेगा
काफी मान मनौवत के बाद गालिब मान गए और बोले, जैसा मै बोलूँ तुम वैसा ही बोलना
बंगाली: ठीक आच्छे.
गालिब: ना गिला करुँगा ना शिकवा करुँगा. तू सलामत रहे इस दुनिया में, रब से यही दुआ करुँगा.
बंगाली ने दोहराया: ना गीला कोरेगा ना सूखा कोरेगा.
तुम साला मत रहो इस दुनिया में, रोब से ये ही दुआ कोरेगा
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